पंच परमेष्ठी आरती

यह विधि मंगल आरती कीजे, पंच परम पद भज सुख लीजै।

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Last updated Wed, 22-Mar-2023 English

यह विधि मंगल आरती कीजे,

पंच परम पद भज सुख लीजै।

प्रथम आरती श्री जिनराजा,

भवदधि पार उतार जिहाजा ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

दूजी आरती सिद्धन केरी,

सुमरत करत मिटे भव फेरी ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

तीजी आरती सूर मुनिंदा,

जनम-मरण दुःख दूर करिंदा ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

चौथी आरती श्री उवझाया,

दर्शन करत पाप पलाया ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

पाँचवीं आरती साधु तुम्हारी,

कुमति विनाशन शिव अधिकारी ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

छठी ग्यारह प्रतिमा धारी,

श्रावक बंदू आनंद कारी ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

सातवीं आरती श्री जिनवाणी,

धानत स्वर्ण मुक्ति सुखदानी ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

संजा करके आरती कीजे,

अपनो जनम सफल कर लीजे ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

सोने का दीपक, रत्नों की बाती,

आरती करूँ मैं, सारी-सारी राती ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..

जो कोई आरती करे करावे

सो नर-नारी अमर पद पावे ॥

यह विधि मंगल आरती कीजे ………..